Taj Mahal जो कि उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा जिले में स्थित है।
जो की 60 बीघा की जगह में बना हुआ एक मकबरा है जिसने आगरा की सुंदरता में अपनी छवि बिखेर कर उसे अति सुंदर और प्रचलित बनाया है तथा यह इतना ज़्यादा खूबसूरत तथा प्रचलित है इसे देखने के लिए और इसका जायजा लेने के लिए पर्यटक बाहरी शहर से बहुत दूर-दूर से आते हैं।
जिससे भारत के कलाकारों का निम्न देशों में प्रचलन होता है और भारत की हस्त शिल्प का वर्णन होता है।
Taj Mahal को संगमरमर के सफेद पत्थरों से बड़ी बारिक सुंदरता से आकार दिया है और इसके आस पास गार्डन है जिसमे अलग-अलग प्रकार के रंग बिरंगी फूलों की बनावट से सजा हुआ है। जो ताज महल की सुंदरता को प्रज्वलित करता है।
ताज महल को बनाने में कुछ महत्वपूर्ण बिंदू :
Taj Mahal बनने की शुरुआत:
ताजमहल मुगल बादशाह शाहजहाँ द्वारा अपनी तीसरी बेगम जो उन्हें अधिक प्रिय थी जिनका नाम मुमताज था शाहजहां ने उनके मृत्यु के पश्चात उनकी याद में इस सुंदर ताजमहल का निर्माण करने का आदेश दिया।
जिसे दुनिया के सात अजूबों में से एक माना जाता है तथा इस महल का नाम बादशाहा की बेगम मुमताज महल के नाम से पड़ा तथा दुनिया का हर व्यक्ति इसे देखने के लिए आता है क्योंकि इसे बादशाह द्वारा ताज महल को उनके प्रेम की गाथा का विवरण करने के रूप में बनवाया था। इसका निर्माण यमुना नदी के पास हुआ है।
मुमताज की मृत्यु:
मुमताज की मृत्यु उनके 14 स्थान पर आने वाले बेटे को जन्म देने के दौरान हुई थी। जिसका नाम गोहर बेगम था मुगल सम्राट शाहजहॉं जिन्होंने 1628 से 1698 ईसवी तक शासन किया उस बादशाह के दिल में बेगम मुमताज के लिए कितना ज़्यादा प्रेम था।
वह सफेद पत्थर से निर्मित खूबसूरत ताजमहल से पता लगाया जा सकता है ताज महल को 1632 ईसवी में बनाना प्रारंभ किया गया। माना जाता हे की शाहजहॉं चाहते थे की ऐसी धरोहर का निर्माण कराया जाय जिसके दौरान शाहजहॉं और उनकी बेगम मुमताज के प्रेम को धरोहर के प्रतीक से जाना जाए। जिस कारण ताज महल का निमार्ण हुआ।
Taj Mahal कहाँ स्थित है ?
ताज महल भारत की धरोहर के रूप में आगरा में यमुना नदी के किनारे उपस्थित है ताज महल का निर्माण 1643 में अर्धरूप से समाप्त हो गया था परंतु इसको अधिक सुंदर और अद्भुत बनाने के लिए 10 वर्ष की और अधिक अवधि का समय लगा इसका निर्माण पूर्ण रूप से 1653 में हो चुका था
बेगम मुमताज तथा बादशाह की कब्र कहा पर स्थित है?
बेगम मुमताज की कब्र को महल के बीच में स्थापित किया गया है जो सफेद मार्वल के पत्थरों से निर्मित है जिसे बड़ी ही सुन्दर कारीगरी के साथ बनाया गया हैं। तथा बादशाह की कब्र को उनके मुताबिक बेगम मुमताज की कब्र के पास ही निर्मित कराया गया जो उनके प्यार को दर्शाती है।
ताज महल से जुड़े किस्से:
अगर इतिहास की माने तो कहा जाता है की ताजमहल के निर्माण के उपरांत मुगल बादशाह शाहजहॉं ने सभी कारीगरों के हाथों को कटवा दिया था। ताज महल से जुड़े इस प्रकार के बहुत से किस्से प्रचलित है जिनका अभी तक पूर्ण रूप से दावा नही किया जा सकता तथा इसके निमार्ण में उपयोग होने वाली सामाग्री को एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित करने के लिए 1500 हाथियों का उपयोग किया गया था।
वास्तु शास्त्र का उपयोग:
ताज महल का निर्माण मुगल की वास्तुकला के अनुसार किया गया है और ताज महल का निर्माण करने में 32 मिलियन का निवेश किया गया था माना जाता है कि ताजमहल को निर्मित करने में 25000 भारत के कारीगरों ने अपनी हस्त कला का उपयोग किया था तथा उस्ताद अहमद लाहौरी को प्रधान निर्मित करता माना जाता हैं जिन्होंने इसको आकार और अधबूत कला प्रदान की।
Taj Mahal को स्लामिक रत्न और विश्व धरोहर की घोषणा:
सन 1983 में ताज महल को विश्व धरोहर घोषित कर दिया गया। और ताज महल को भारत की इस्लामिक कला का रत्न के रुप में घोषित किया।
रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा ताज महल का विवरण:
रवींद्रनाथ टैगोर ने अपने लेख में मुगल कालीन वास्तु कलाओं का विवरण किया और दुनिया के समक्ष भारत की कृतियों को अलग – अलग रूप से प्रस्तुत किया हुआ है और मुगल वास्तु कला के अनुसार पहले की इमारत को लाल रंग से निर्मित किया जाता था।
पर बादशाह ने ताज महल को सफेद रंग के पत्थरों से निर्माण कराया था। और ताज महल के इतिहास के अनुसार ताज महल को लेकर बहुत सी कहानियां प्रचलित हैं।
ताज महल कैसे जाए?
अंतर्राष्ट्रीय वाहन का उपयोग:
जैसा कि आप जानते है की इसकी सुंदरता को देखने के लिए अन्य प्रदेशों से लोग आते है। भारत के अन्य राज्यो से आए हुए पर्यटक जो निजी तथा सार्वजनिक वाहन की सहायता का उपयोग कर पर्यटक ताज महल की सुन्दरता और आगरा भ्रमण कर पाते हैं।
निजी वाहन का उपयोग:
निजी वाहन का उपयोग बहुत ही खर्चीला होता है परन्तु इन वाहन का इस्तमाल कर आप कम समय का उपयोग कर पूरे आगरा का भ्रमण कर पाते हैं।
सार्वजनिक वाहन का उपयोग:
सार्वजनिक वाहन का उपयोग Taj Mahal के भ्रमण के लिए कम खर्चीला होता है जिससे जो पर्यटक ज़्यादा खर्च करने में असमर्थ होते हैं उन पर्यटक के लिए सार्वजनिक वाहन उपयोगी है जैसे दूसरे राज्य के स्थान से आने के लिए ट्रेन, बस आदि का उपयोग कर सकते है।
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सारांश :
इससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि मुगल शासक के दौरान हुए परिवर्तन उनके अपने निजी कार्यों को पूर्ण करने के लिए राशी का निवेश किया जाता था। हालाकि भारत में बनी ये ऐतिहासिक इमारतें भारत की अर्थ व्यवस्था को कर के रूप में मजबूत करती है। और ताज महल जेसी सुन्दर इमारत में की गई कलाकृति की वजह से भारत दुनिया के हर कोने-कोने में प्रचलित है। \
जो भारत के लिए गर्व की बात है।