Salary Slip कैसे बनायें
बहुत सारे कर्मचारी ऐसे है जिन्हे यह तो पता है की हमें सैलरी मिल रही है पर सैलरी में किस प्रकार से कटौती की जाती है, जैसे – Salary Slip कैसे बनाया जाता है, सैलरी में ईएसआईसी और पीएफ कितना कटता है।
अगर आपको इसकी जानकारी बिल्कुल भी नहीं है तो आज आप इस पेज पर सही आयें है।
क्योकिं इस पेज पर हमने सैलरी स्लिप कैसे बनाया जाता है सम्पूर्ण जानकारी शेयर की है।
सैलरी स्लिप बनाने के के लिए किन बातों का ध्यान दें
सैलरी स्लीप बनाने से पहले या सैलरी लेने से पहले अपनी सैलरी स्लिप जरूर देखें सैलरी स्लिप किस प्रकार से बनाया गया है। क्या सैलरी में ठीक से कटौती की जा रही है या नहीं।
कटौती से सम्बंधित नीचे कुछ पॉइंट के बारे में जानकारी दी गई है आप इन्हे पढ़ें-
- बेसिक सैलरी ( Bacic Salary)
- हाउस रेंट अलाउंस (HRA)
- कन्वीयंसअलाउंस(CA)
- मेडिकल अलाउंस ( MA )
- लीवट्रैवलअलाउंस (LTA)
- बोनस/वैरिएबल–पे
- प्रॉविडेंटफंड(PF)
- प्रोफेशनल टैक्स
- इनकम टैक्स
सैलरी स्लिप कैसे बनाया जाता है जानने के लिए आपको ऊपर दिए गये पॉइंटों को अच्छी तरह समझ लेना चाहिये।
जिसका पूरा विवरण हम नीचे बताने जा रहे है।
बेसिक सैलरी
बेसिक सैलरी भी सैलरी का एक मेन हिस्सा होता है। जो सौ प्रतिशत टैक्स के दायरे में आती है और खास बात ये है की बेसिक सैलरी से ही पीएफ का पैसा काटा जाता है।
हाउस रेंट अलाउंस (HRA)
यहाँ पर HRA का मतलब House Rent Allounce से जिसका शाब्दिक अर्थ है हाउस रेंट से, माना आपका अपना घर है और घर से ऑफिस आना जाना लगा रहता है तो सौ प्रतिशत HRA टैक्स के अंतरगर्त आयेगा।
यदि आप रेंट के मकान में रहते है तो टैक्स में आपको छूट मिल सकती है।
कन्वीयंसअलाउंस(CA)
ऑफिस के काम से या घर से ऑफिस आने-जाने का खर्चा आता है उसको दिखाया जाता है। उसे कन्वेन्स अलाउंस कहते है।
मेडिकल अलाउंस
यहाँ पर नाम से ही पता चल रहा है मेडिकल अलाउंस में होने वाले खर्चे।
लीव ट्रैवलअलाउंस (LTA)
यदि आप परिवार के साथ कही लम्बे टूर में जाते है, आने – जाने में जो खर्चा आएगा उस अलाउंस लीवट्रेवल अलाउंस कहते है।
ध्यान दें इसमें आपको फॅमिली और अपना कन्वेन्स प्रूफ देना होता है तभी आप लीव ट्रेवल अलाउंस को पास करवा सकते है।
बोनस
इसमें कर्मचारी को प्रतिवर्ष गुड परफॉरमेंस के आधार पर बोनस दिया जाता है।
PF (पीएफ)
जैसा की आपने देखा होगा जब आपको सैलरी मिलती है तो उसमे से पीएफ का पैसा काटा जाता है जो हर महीने आपकी बेसिक सैलरी से बारह प्रतिशत कटता है, और कंपनी भी आपको बारह प्रतिशत देती है टोटल मिलकर 24 % आपकी सैलरी में जमा होता है।
इनकम टैक्स
इनकम टैक्स को टीडीएस भी कहा जाता है यह हर महीने सैलरी से कटता है सैलरी से कटने के बाद इन्कमटैक्स डिपार्टमेंट को दिया जाता है।
ऊपर दिये गये पॉइंटो को फॉलो कर लेने के बाद
सैलरी स्लिप कैसे बनायें जानते है।
Salary Sleep कैसे बनायें
सैलरी स्लिप बनाने के लिए नीचे दिए गए स्टेप को फॉलो करें
- सबसे पहले अपने कंप्यूटर में Excel की फाइल को खोलें
- एक्सेल की फाइल खुल जाने के बाद एक्सेल में एक सैलरी शीट Format बनायें।
- जैसे नीचे फोटो में साफ दिया गया है।
- इस फॉर्मेट के अनुसार अपनी कंपनी का नाम और एम्प्लोयी का डिटेल्स भरें।
- Pay स्लिप फॉर्मेट बना लेने के बाद जिस राज्य में जो बेसिक चल रहा है उस बेसिक को डालें, जैसे मैंने Up का बेसिक रेट लिया है 8758 रुपये, आप वो रेट लें जो करंट में चल रहा हो।
- Besic – 8758
- HRA – 0
- Convence – 0
- Total Gross Salary – 8758
- बेसिक 8758 से PF 12 % निकालें। ( 8758 *12 %) = 1051
- ESIC कंट्रीब्यूशन के लिए Total Gross Salary को लें (8758*०.75 % ) = 66
यहाँ पर टोटल ग्रॉस सैलरी 8758 है आप चाहे तो HRA और conveyance भी लें सकते है।
- इसके बाद Total Gross Salary में Total Deduction कम कर दें जैसे – 8758 -1117 = 7641
- Net Pay Amount Salary – 7641
ऊपर दिए गए फॉर्मेट के अनुसार एम्प्लोयी की सैलरी स्लिप बना सकते है।
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आशा करता हूँ की आपको Salary Slip कैसे बनायें जानकारी सही लगी होगी।
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धन्यवाद