जन्माष्टमी पर निबंध

जन्माष्टमी पर निबंध कैसे लिखें, एक सम्पूर्ण जानकारी

आज के इस आर्टिकल में हम जन्माष्टमी पर निबंध कैसे लिखें की जानकारी पढ़ने वाले हैं यदि आप जन्माष्टमी पर निबंध की जानकारी जानना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़िए।

जन्माष्टमी का त्यौहार भगवान श्री कृष्ण के जन्म दिवस के रूप में भादो मास के कृष्णपक्ष को अष्टमी के दिन मनाया जाता है। पुरे भारत वर्ष में इस त्यौहार को लोग श्रद्धा और आस्था के साथ मनाते है। यह एक आध्यात्मिक त्यौहार और हिंदुओं के आस्था का प्रतीक है।

कृष्ण की कथा क्या है ?

स्‍कंद पुराण के अनुसार द्वापर युग में उग्रसेन नामक एक राजा थे लेकिन वह स्वभाव से काफी सीधे – साधे एवं भोले होने के कारण उन्ही के बेटे कंश ने उनसे उनका राज्य छीन लिया और खुद ही मधुरा के राजा बन गयें।

जब कृष्ण का जन्म हुआ तो उस समय कंस मथुरा के राजा थे। वह बहन देवकी के भाई और बहन से बहुत प्यार करते थे और कभी भी उसे उदास नहीं देख सकते थें वह अपनी बहन की शादी में दिल से शामिल हुए ।

एक बार जब वह अपनी बहन के ससुराल से घर जा रहे थे तो आकाश में से एक आवाज सुनाई दी और उसे चेतावनी मिली कि कंस जिस बहन को तु बहुत प्यार करता है वह एक दिन तुम्हारी मृत्यु का कारण बनेगी देवकी और वसुदेव का आठवां बच्चा तुझे मार डालेगा।

जैसे ही उन्हें चेतावनी मिली उसने अपने सैनिकों को अपनी बहन देवकी और उसके पति वासुदेव को जेल में रखने का आदेश दिया और मथुरा के सभी लोगों के साथ क्रूरता से बर्ताव करना शुरू कर दिया।

उसने घोषणा की मैं अपनी बहन के सभी बच्चों को मार दूंगा उसकी बहन ने अपने पहले बच्चे को जन्म दिया, फिर दूसरा, तीसरा और फिर सातवां जो कि कंस के द्वारा एक-एक करके मारे गए बाद में देवकी आठवें बच्चे के साथ गर्भवती हुई अर्थात वे कृष्ण जी थे ।

श्री कृष्ण का जन्म कब हुआ ? 

जब भगवान श्री कृष्ण ने जन्म लिया तो एक चमत्कार सा हुआ, जेल के दरवाजे अपने आप खुल गये, सैनिक सो गए और एक आवाज ने कृष्ण को बचाने के रास्ते के बारे में वासुदेव को बताया।

वासुदेव ने कृष्णा को एक छोटी सी टोकरी में ले लिया और अंधेरे में एक बड़ी नदी से गोकुल में अपने दोस्त नंद के पास ले गए।

उन्होंने एक बरसात की रात को पार किया जहां शेषनाग ने उन्हें मदद की। उन्होंने अपने बेटे को यशोदा और नंद बाबा की लड़की के साथ बदला और कंस की जेल वापस लौट आये।

सभी दरवाजे बंद हो गए और कंस को संदेश भेज दिया गया कि देवकी ने एक लड़की को जन्म दिया था।

कंस आया और उस लड़की को पटक कर मारने की कोशिश की, उसी समय वह लड़की कंस के हांथों से निकल कर आकाश में अपने असली रूप बिजली कन्या के रूप में प्रकट हुई और उसने चेतावनी दी और कहा – अरे मुर्ख कंस तुम्हारा हत्यारा तो बहुत सुरक्षित जगह पर है और जब भी तुम्हारा समय पूरा हो जाएगा, तब वो तुम्हारा अंत कर देगा।

यशोदा और नंद के साथ सुरक्षित गोकुल में कृष्ण धीरे-धीरे  बढ़ रहे थे। बाद में उन्होंने कंस की सभी क्रूरता को समाप्त कर दिया और कंस के  जेल से अपने माता-पिता को आजाद कर दिया।

कृष्ण की विभिन्न शरारती लीलाओं से गोकुल के लोग बहुत खुश थे। गोकुल में रहने वाले लोग इस त्योहार को आज भी गोकुलाष्टमी के रूप  में मनाते हैं।

हिंदू पौराणिक कथानुसार भगवान कृष्ण, भगवान विष्णु के आठवें अवतार में से थें

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर बाजारों में रही चहल-पहल :

इस अवसर पर हफ्ते पहले ही बाजार पर रौनक दिखाई पड़ती है बाजार में कृष्ण की सुंदर मूर्तियाँ,फूलमाला, पूजा की सामग्री, मिठाई और सजावटी समान मिलते है।

भारत के विभिन्न स्थान पर जन्माष्टमी :

भारत कई राज्यों से बना एक रंगीन देश है। इन सभी राज्यों के रीति -रिवाज, पंरपरा अलग – अलग है इसलिए भारत

के  अलग अलग क्षेत्रो में जन्माष्टमी अलग अलग तरीके से देखने का मिलता है।

दही हांडी प्रतियोगिता क्या है?

दही हाडी की प्रथा का संबंध मुख्य रूप से गुजरात और महाराष्ट्र से है। जन्माष्टमी के दिन देश में अनेक जगह दही-हांडी प्रतियोगिता किया जाता है। दही-हांडी प्रतियोगिता में सभी लोग भाग लेते हैं और जितने पर उनको उचित इनाम दिया जाता है।

मथुरा वंदावन की अलग छटा :

वैसे तो जन्माष्टमी विश्व भर में मनाया जाता है पर मधुरा और वंदावन में इस अवसर पर रासलीला का आयोजन किया जाता है और इसे देखने के लिए देश – विदेशो से लोग आते है।

दिल्ली में एस्कॉन मंदिर की धूम :

इस समय दिल्ली का एस्कॉन मंदिर जन्माष्टमी के लिए बुहत प्रसिद्ध है। यहाँ एक हफ्ते पहले ही जन्माष्टमी की तैयारी शुरू की जाती है। जन्माष्टमी के अवसर पर यहां कृष्ण से जुडी झांकी दिखाई जाते है।

विश्वभर में कृष्ण जन्माष्टमी की धूम :

यह त्यौहार पूरे भारत में बड़ी उत्साह के साथ मनाया जाता है इसके आलावा बांग्लादेश के ढ़ाकेश्वर मंन्दिर , नेपाल ,अमेरिका अन्य देशो में एस्कॉन मंदिर के माध्यम से अलग अलग तरीक़े से मनाया जाता है।

लोग क्या क्या करते है ?

जन्माष्टमी के दिन श्रध्दालु दिन भर व्रत रखते है। शाम को पूजापाठ करके मंदिरो में भगवान श्री कृष्ण के दर्शन करके रात को ठीक १२ बजे उनके जन्म के बाद भोजन खाते है। इस दिन लोग भगवान श्री कृष्ण के जीवन से प्रेरणा लेकर अपना जीवन सफल बनाते है।

जन्माष्टमी का महत्व :

यह त्यौहार हमारी संस्कृति को दर्शाता है। इस दिन का व्रत जो सच्चे मन से रखते है उसकी मनोकामना पूरी होती है। हम युवाओ को भारत की सभ्यता और संस्कृति से अवगत करने के लिए इन त्यौहार को मनाना बहुत जरूरी है। जन्माष्टमी का बहुत बड़ा धर्मिक महत्व है।

इन्हे भी पढ़ें :

निष्कर्ष :

सनातन धर्म के अनुसार विषणु के आठवे अवतार है श्री कृष्ण, इसलिए दुनिया में यह त्यौहार ख़ुशी और मस्ती के साथ मनाया जाता है।

श्री कृष्ण के कामो की वजह से इन्हे (ठाकुर जी, जगन्नाथ आदि ) नामो से जाना जाता है। उनके जीवन से हमे प्रेरणा लेनी चाहिए की हमे हमेशा सत्य बोलना और कर्म पथ पर चलना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Follow us on Social Media